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Yogi Adityanath 10 Fast Decisions and Biography History Speech image

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Hello Friends, today we are going to tell you about the biography of Yogi Adityanath. Who is now the new chief minister of Uttar Pradesh.

योगी आदित्यनाथ शेरो के साथ क्यों खेलते हैं जानिए इस का रहस्य

योगी आदित्यनाथ ने एक टीवी चेनल मे कहा था की जो शेर होता हैं वह ही शेरो के साथ खेलता ह| भगवामय बेदाग जीवन- योगी आदित्यनाथ जी महाराज एक खुली किताब हैं जिसे कोई भी कभी भी पढ़ सकता है। उनका जीवन एक योगी का जीवन है पूज्य योगी आदित्यनाथ जी महाराज को निकट से जानने वाला हर कोई यह जानता है कि वे उपर्युक्त अवधारणा को साक्षात् जीते हैं। वरना जहाँ सुबह से शाम तक हजारों सिर उनके चरणों में झुकते हों, जहाँ भौतिक सुख और वैभव के सभी साधन एक इशारे पर उपलब्ध हो जायं, योगी जी के भ्रष्टाचार-विरोधी तेवर के हम सभी साक्षी हैं। अस्सी के दशक में गुटीय संघर्ष एवं अपराधियों की शरणगाह होने की गोरखपुर की छवि योगी जी के कारण बदली है योगी आदित्यनाथ जी महाराज के व्यक्तित्व में सन्त और जननेता के गुणों का अद्भुत समन्वय है। ऐसा व्यक्तित्व विरला ही होता है। यही कारण है कि एक तरफ जहॉ वे धर्म-संस्कृति के रक्षक के रूप में दिखते हैं तो दूसरी तरफ वे जनसमस्याओं के समाधान हेतु अनवरत संघर्ष करते रहते है

योगी जी को फायरब्रैंड हिंदू क्यू कहा जाता हे

उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया और धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ी कहा जाता है कि गोरखपुर में जो योगी कहे वही नियम है, वही कानून है। योगी आदित्यनाथ के समर्थक नारा भी लगाते हैं, ‘गोरखपुर में रहना है तो योगी-योगी कहना होगा। उन्होंने कई बार विवादित बयान दिए।लेकिन उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई। गोरखपुर के कई ऐतिहासिक मुहल्लों के नाम बदलवा दिए. इसके तहत उर्दू बाजार हिंदी बाजार बन गया। अली नगर आर्यनगर हो गया। योगी आदित्यनाथ को कट्टर हिंदू क्यू कहा जाता हे योगी जी जैसे इंसान पर इतना संगीन इल्जाम लगाना खुदा को भी अच्छा नहीं लगेगा। इस शख्स के लिये इंसानियत ही सबसे बडा धर्म है। यह पक्के राष्ट्रभक्त हैं उनके सामने आने वाले हर फरियादी पहले इंसान है, बाद में कुछ और। उसकी दिक्कतों को बडी तसल्ली से सुनकर यह उसे दूर करने की दिल से कोशिश करते हैं

अजय सिंह बिष्ट से महन्त योगी आदित्यनाथ बनने तक की कहानी

यूपी के 21वें सीएम होंगे 45 साल के योगी आदित्यनाथ योगी आदित्यनाथ की राजनीति को समझने के लिए इस गोरखनाथ मठ का इतिहास भी जानना जरुरी है योगी आदित्यनाथ का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी में 5 जून 1972 को हुआ था. उन्होंने गढ़वाल विश्वविद्यालय से बीएससी की डिग्री हासिल की. अस्सी के दशक में जब देश में राम जन्मभूमि आंदोलन अपने चरम पर था, उस दौरान योगी आदित्यनाथ गोरखपुर आ गए. गोरखपुर का गोरखनाथ मठ सैकड़ों एकड़ जमीन में फैला हुआ है. दरअसल आठवीं सदी में मत्सयेंद्र नाथ नाम के एक संत ने नाथ संप्रदाय की शुरुआत की थी योगी आदित्यनाथ ने भी एक साल तक यहां नाथपंथ की परंपरा के मुताबिक शिक्षा हासिल की नाथ संप्रदाय को जाति प्रथा के खिलाफ एक बड़े सामाजिक आंदोलन के तौर पर भी पहचाना जाता है. यही वजह भी है कि सभी धर्मों के लोग नाथ संप्रदाय में योगी हुए हैं 15 जनवरी 1994 को मठ के महंत अवैद्धनाथ ने उन्हें बाकायदा दीक्षित करके अपना शिष्य बना लिया. इस तरह 22 साल का नौजवान अजय सिंह, योगी आदित्यनाथ बन गया गोरखनाथ मठ का राजनीति में सक्रियता का सिलसिला काफी पुराना है. योगी आदित्यनाथ हिंदू युवा वाहिनी नाम का अपना संगठन भी चलाते हैं. अपने कट्टर हिंदू बोल की वजह से उनके कई दफे बयान विवादों की सुर्खियां बने. लव जेहाद को लेकर योगी आदित्यनाथ ने कई दफे तीखे बयान दिये हैं.गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ में कई ऐतिहासिक मुहल्लों के नाम बदलवा दिये. उर्दू बाजार का नाम बदलकर हिंदी बाजार कर दिया गया तो अली नगर को आर्यनगर बना दिया गया. विवादों में रहने के बावजूद योगी की ताकत में लगातार इजाफा होता रहा है. लेकिन अब योगी आदित्यनाथ उस संवैधानिक पद पर बैठे हैं जहां से उन्हें सबका साथ – सबका विकास की भावना के साथ आगे बढ़ना होगा.

जानिए योगी आदित्यनाथ की सेना क्या उत्तर प्रदेश को बदल पाएेगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘एक बड़ी योजना के साथ हम कार्य प्रारंभ करने वाले हैं. उत्तर प्रदेश का कोई व्यक्ति चाहे वह किसी तबके या क्षेत्र का हो, कभी भी अपने को उपेक्षित महसूस नहीं करेगा. उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री का पद संभालने के बाद पहली बार योगी आदित्‍यनाथ शनिवार को गोरखपुर पहुंचे थे जहां उनका भव्‍य स्‍वागत किया गया. योगी ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त शासन होगा. जनता के प्रति संवेदनशील प्रशासन होगा. गुंडाराज पूरी तरह समाप्त होगा. अराजकता का कोई स्थान नहीं होगा.

क्या योगी जी अब राम मंदिर बना पाएगे जानिए इस के बारे मे

भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने राम मंदिर मुद्दे पर पहले दिए गए बयान से इतर, आम सहमति या अदालती फैसले के जरिए मंदिर बनने की बात कही है गोरखनाथ मठ का राम जन्मभूमि आंदोलन के साथ रिश्ता बीजेपी से भी बहुत पुराना है. 1949 में जब बाबरी मस्जिद में राम और सीता की मूर्तियां रखी गई थी, उसमें गोरखनाथ मठ के तत्कालीन महंत दिग्विजय नाथ की महत्वपूर्ण भूमिका थी. या राम जन्म भूमि पर सिर्फ राम लला का ही भव्य मंदिर बनना चाहिए ! आपकी राय बेहद महत्वपूर्ण है क्योकि सोशल मीडिया पर जनता के राय पर भी देश के बड़े नेताओ के साथ साथ सरकार की भी पैनी नज़र बनी रहती है ! अयोध्या में राम मंदिर बनाने बहुचर्चित राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह आस्था और धर्म से जुड़ा मामला है इसलिए दोनों पक्ष मिलकर इस मुद्दे को सुलझायें। स्वामी ने कहा कि राम का जन्म जहां हुआ था, वह जगह नहीं बदली जा सकती। नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है। स्वामी ने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे को मध्यस्थता के जरिए हल करने के लिए काफी वक्त से तैयार बैठे हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद लिए दस बड़े फेसले

उत्तर प्रदेश में शासन व्यवस्था पूरी तरह से बदली-बदली नजर आ रही है. योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए अभी सिर्फ 9 दिन हुए हैं पर बड़े फैसले 10 से ज्यादा ले चुके हैं. इसमें एक चौकाने वाली बात ये है कि अभी तक एक भी कैबिनेट मीटिंग नहीं हुई है, पर काम लगातार जारी है.

1. संपत्ति का ब्योरा देंगे सभी मंत्री, अनाप-शनाप बयान नहीं देंगे मंत्री
2. एंटी रोमियो स्क्वॉड पर काम शुरू, किशोरियों से छेड़छाड़ के मामले के लिए पूरी तरह से अधिकारी जिम्मेदार होंगे
3. राज्य में गोहत्या रोकने का आदेश, बूचड़खाने सील होने शुरू
4. हर शुक्रवार थानों की सफाई करेंगे, पुलिसवाले दफ्तरों में पान-गूटखा खाने पर बैन, अधिकारी सभी फाइलें जल्दी निपटाएं
5. टीचर्स के ‘टी-शर्ट‘ पहनने पर रोक
6. रामायण‘ म्यूजियम’ के लिए योगी का 25 एकड़ जमीन देने का फैसला
7. कैलाश मानसरोवर के लिए राज्य सरकार ने अनुदान की राशि को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी है
8. अच्छी छवि वालों को सरकारी ठेकों में प्रमुखता से जगह दी जाएगी
9. अयोध्या में राम नवमी के मौके पर आधारभूत सुविधाओं को मुहैया कराया जाये
10. मरीज स्वास्थ्य विभाग के एप पर अपनी समस्याओं को दर्ज करा सकेंगे

ऐसा क्या हुआ की बीजेपी ने अचानक योगी जी को उतरप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाना पड़ा

पूर्वांचल के गलियारों में ऐसा कहा जाता है कि योगी आदित्यनाथ एक ऐसे नेता हैं, जिन्हें किसी पार्टी की जरूरत नहीं होती, बल्कि खुद पार्टियां उनके यहां जीत का स्वाद चखने के लिए चल कर आती हैं. योगी आदित्यनाथ यूपी के न सिर्फ एक हिंदुत्ववादी अक्रामक नेता हैं, बल्कि बीजेपी के एक फायरब्रांड नेता भी हैं उनका कद और छवि ऐसी है कि बीजेपी को मुख्यमंत्री का नाम घोषित करने में इतनी माथा-पच्ची करनी पड़ी. सूबे के युवाओं में उनकी छवि एक कट्टर हिंदू हृदय सम्राट की है. यूपी में मुस्लिम वोट का गणित गड़बड़ न हो जाए, इसीलिए मोदी जी उन्हें सीएम बनाने से कतरा रहे थे. हिंदुत्व के पिच पर खेलने वाले योगी देश के सबसे कद्दावर नेताओं में से हैं. उनकी छवि एक कट्टर हिंदू की रही है. इसलिए बीजेपी राजनीतिक घाटे के ऊपर विचार-विमर्श कर रही थी


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