Akabar Funny Joke Hindi
akabar – aaj ham bahut khush hain,
saare kaidiyon ko riha kar diya jaaye,
jel se ek boodha bhi nikal ke aaya,
akabar – tum to bahut boodhe ho,
kab se yahaan band ho ?
boodha kaidi – hujoor aapake pitaaji ke zamaane se kaid hoon,
akabar rote hue bola –
isako phir se kaid mein daal do,
ye hamaare baapoo ki aakhiri nishaani hai
Barish Or Baik Ki Yaatra Funny Joke
Tin Ladke Baik Pr Jaa Rhe The
Ek Ne Bola Maen Bola Tha Ki Chalo Chhant Padgee
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Dusra Bola ki मैं bhi Bol Rha rhau Hu Ki chhant Pad Ri h Chalo
or Ek Bar Or Bol Du Ki Chhant Pad Ri H Chaalo
Lekin Tino Baike Pr Baete Hae Chal Nhi H
kyoki Baike Chal Rhi H Or Tino Bethe
Akber Birbal Ke Char Sawal
ek Din Akbar Badshah Ne Birbal Se Char Prshn Kiye
Or Kaha Inka Ek Hi Utar do |
Baadshah Ke Chaar Sawal The|
Paan Kyo Sada, Ghoda Kyo Ada, Rooti Kyo Jali Or Paath Kyo Bhula |
Birbal Ne Kuchh smay Socha Or Uttar Diya ,
” Fera N Gayaa”
पिता पुत्र joke in हिंदी
एक बुढा पिता खाट में सो रहा था तभी उसे थोड़ी सी सर्दी महसूस हुई और अपने पुत्रो से बोला मुझे ठण्ड लग रही मेरी खाट तावडी में घालों |
पुत्रों ने पिता की खाट को तावडी में घाल दिया
कुछ देर में फिर पिता बोला की मन तावड़ो लागरयो ह मेरी खाटली छाया में घालो
फिर पुत्रो ने खाट छाया में घाली फिर पिता बोला की सर्दी लागी तावडी में घालो
तो पुत्रो ने पिता की खाट को आधी छाया ने और आधी तावडा मै घाल दी
जना बाप बोल्यो की सासुको मेर सर्द गर्म करोगा के |
बीरबल की खिचड़ी
अकबर बादशाह ने कडकड़ाती सर्दियों के मौसम में एक दिन ऐसा ऐलान किया की जो भी कोई व्यक्ति पूरी रात भर पानी के तालाब के अंदर छाती तक डूब कर खड़ा रहगा तो उसे दुसरे दिन 1000 मोहरे पुरस्कारस्वरूप इनाम में दिया जाएगा। इस चुनौती को पार करना काफी कठिन था। यह सुनते ही सब दरबारी हक्के बक्के रह गये |
लेकिन एक गरीब ब्राह्मण अपनी बेटी के विवाह के लिए धन जोड़ने की खातिर तैयार हो गया। और जैसे-तैसे कर के उसने कांपते, ठिठुरते रात निकाल ली। और सुबह बादशाह अकबर से अपना 1000 मोहरे इनाम मांगा। अकबर ने ब्राह्मण से पूछा कि तुम इतनी ठंडी पूरी रात को पानी के अंदर कैसे खड़े रह पाये।
ब्राह्मण ने कहा कि मैं दूर आप के किले के झरोखों पर जल रहे दिये का चिंतन या देख कर के खड़ा रहा, और यह सोचता रहा कि वह दिया मेरे पास ही है। इस तरह रात बीत गयी। अकबर ने यह सुन कर तुरंत इनाम देने से माना कर दिया, और यह तर्क दिया की, उसी दिये की गर्मी से तुम पानी में रात भर खड़े रह सके। इसलिए तुम इनाम के हक़दार नहीं। ब्राह्मण रोता हुआ उदास हो कर चला गया।
बीरबल जानता था की ब्राह्मण के साथ कुछ अन्याय हुआ है। उसने ब्राह्मण से पूछा की क्या हुआ आप इतने उदास क्यों हो तो ब्राह्मण ने पूरी खानी बताई ,उसके बाद में बीरबल से ब्राह्मण का हक़ दिलवाने का निश्चय कर लिया।
अगले दिन अकबर और बीरबल वन में शिकार खेलने जा रहे थे । बादशाह बीरबल का इन्तजार कर रहे थे | लेकिन बीरबल दोपहर तक दरबार नही पहुंचे तो मंत्री के द्वारा बीरबल को बुलाया गया लेकिन बीरबल आग जला कर खिचड़ी पकाने लगा। बीरबल ने जानबूझ कर खिचड़ी का पात्र आग से काफी ऊंचा लटका रखा था। मंत्री के कहने पर खुद अकबर देख कर बोल पड़े कि अरे मूर्ख इतनी ऊपर बंधी हांडी को तपन कैसे मिलेगी हांडी को नीचे बांध वरना खिचड़ी नहीं पकेगी।
बीरबल ने कहा खिचड़ी पकेगी… पकेगी… खिचड़ी पकेगी। आप धैर्य रखें जहापनाह । इस तरह दो पहर से शाम हो गयी, और अकबर लाल पीले हो गए और गुस्से में बोले,
बीरबल तू मेरा मज़ाक उड़ा रहा है? तुझे समझ नहीं आता? इतनी दूर तक आंच नहीं पहुंचेगी, हांडी नीचे लगा।
तब बीरबल ने कहा कि अगर इतनी सी दूरी से अग्नि खिचड़ी नहीं पका सकती तो उस बेचारे ब्राह्मण को आप के किले के झरोखे पर जल रहे दिये से ऊर्जा केसे प्राप्त हुई होगी जहापनाह ?
यह सुनकर अकबर फौरन अपनी गलती समझ जाते हैं और अगले दिन ही गरीब ब्राह्मण को बुला कर उसे 1000 मोहरे दे देते हैं। और भरे दरबार में गलती बताने का बीरबल के इस तरीके की प्रसंशा करते हैं।