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15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर देश भक्ति शायरी जोक्स और मेसेज

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15 अगस्त 2017 स्वतंत्रता दिवस पर देश शहीदों पर शायरी और मेसेज

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर देश भक्ति शायरी जोक्स और मेसेज

15 अगस्त 2017 स्वतंत्रता दिवस पर देश शहीदों पर शायरी और मेसेज

मुकम्मल है इबादत और मैं वतन ईमान रखता हूँ
वतन के शान की खातिर हथेली पे जान रखता हूँ
क्यु पढ़ते हो मेरी आँखों में नक्शा पाकिस्तान का
मुस्लमान हूँ मैं सच्चा, दिल में हिंदुस्तान रखता हूँ

सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्ता हमारा
हम बुलबूले है इसकी ये गुलसिता हमारा
स्वतंत्र दिन की हार्दिक शुभ कामनाएँ

यह बात हवाओं को बताये रखना
रोशनी होगी चिरागों को जलाये रखना
लहू देकर जिसकी हिफाजत हमने की
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना

देश भक्ति पर शायरी

संस्कार और संस्कृति की शान मिले ऐसे,
हिन्दू मुस्लिम और हिंदुस्तान मिले ऐसे
हम मिलजुल के रहे ऐसे की
मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में राम मिले जैसे.

दे सलामी इस तिरंगे को
जिस से तेरी शान हैं,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका
जब तक दिल में जान हैं

गंगा यमुना यहाँ नर्मदा
मंदिर मस्जिद के संग गिरजा
शांति प्रेम की देता शिक्षा
मेरा भारत सदा सर्वदा

वतन पर शायरी

ये पेड़ ये पत्ते ये शाखें भी परेशान हो जाएं !
अगर परिंदे भी हिन्दू और मुस्लमान हो जाएं

न मस्जिद को जानते हैं , न शिवालों को जानते हैं
जो भूखे पेट होते हैं, वो सिर्फ निवालों को जानते हैं
मेरा यही अंदाज ज़माने को खलता है
की मेरा चिराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है
में अमन पसंद हूँ, मेरे शहर में दंगा रहने दो
लाल और हरे में मत बांटो, मेरी छत पर तिरंगा रहने दो

मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।

शहीदों पर शायरी

ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हे कई
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता

ऊंची हुई मशाल हमारी आगे कठिन डगर है
शत्रु हट गया, लेकिन उसकी छायाओं का डर है
शोषण से है मृत समाज कमज़ोर हमारा घर है
किन्तु आ रहा नई ज़िन्दगी यह विश्वास अमर है
जन-गंगा में ज्वार, लहर तुम प्रवहमान रहना
पहरुए! सावधान रहना

मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ


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