Quantcast
Channel: Rkalert.Com
Viewing all articles
Browse latest Browse all 1715

दीपावली 2016 लक्ष्मी जी की जन्म कथा के बारे में जानें और मंत्र तंत्र, चालीसा, आरती, 108 नाम, पढ़े और डाउनलोड करे

$
0
0

दिवाली, Deepavali, दीपावली, Diwali, दिवाली का त्यौहार 2016

दीपावली का त्यौहार 2016:- दिवाली हिन्दू धर्म का मुख्य पर्व है। रोशनी का पर्व दिवाली कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दिवाली को दीपावली (Deepawali) के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि दीपों से सजी इस रात में लक्ष्मीजी भ्रमण के लिए निकलती हैं  और अपने भक्तों को खुशियां बांटती हैं। 

साल 2016 में दिवाली Diwali 2016
इस साल दीपावली या दिवाली 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

दिवाली पर लक्ष्मी जी Devi Mahalaxmi Ji

दीपावली पर्व के पीछे कथा Story of Deepawali in Hindi

अपने प्रिय राजा श्री राम के वनवास समाप्त होने की खुशी में अयोध्यावासियों ने कार्तिक अमावस्या की रात्रि में घी के दिए जलाकर उत्सव मनाया था। तभी से हर वर्ष दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस त्यौहार का वर्णन विष्णु पुराण के साथ-साथ अन्य कई पुराणों में किया गया है।

दीपावली पर लक्ष्मी पूजा Deepawali Pooja Vidhi Hindi

दीपावली पर लक्ष्मी पूजा :- अधिकांश घरों में दीपावली के दिन लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा की जाती है। हिन्दू मान्यतानुसार अमावस्या की रात्रि में लक्ष्मी जी धरती पर भ्रमण करती हैं और लोगों को वैभव का आशीष देती है। दीपावली के दिन गणेश जी की पूजा का यूं तो कोई उल्लेख नहीं परंतु उनकी पूजा के बिना हर पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए लक्ष्मी जी के साथ विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की भी पूजा की जाती है।

दीपदान Deepdan in Hindi

दीपदान:- दीपावली के दिन दीपदान का विशेष महत्त्व होता है। नारदपुराण के अनुसार इस दिन मंदिर, घर, नदी, बगीचा, वृक्ष, गौशाला तथा बाजार में दीपदान देना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन यदि कोई श्रद्धापूर्वक मां लक्ष्मी की पूजा करता है तो, उसके घर में कभी भी दरिद्रता का वास नहीं होता। इस दिन गायों के सींग आदि को रंगकर उन्हें घास और अन्न देकर प्रदक्षिणा की जाती है।

दीपावली पर्व भारतीय सभ्यता की एक अनोखी छठा को पेश करता है। आज अवश्य पटाखों की शोर में माता लक्ष्मी की आरती का शोर कम हो गया है लेकिन इसके पीछे की मूल भावना आज भी बनी हुई है।

आरती लक्ष्मी माता की दीपावली पर jai laxmi mata aarti

लक्ष्मी जी की आरती

  • ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ||
    तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु विधाता !!
  • उमा, रमा, ब्रह्मणि, तुम ही जग माता ||
    मैया तुम ही जग माता ||
    सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता !!
    ॐ जय लक्ष्मी माता..
  • दुर्गा रूपा निरंजनी, सुख सम्पति दाता ||
    मैया सुख सम्पति दाता ||
    जो कोई तुमको ध्यावत, रिद्धि सिद्धि धन पाता !!
    ॐ जय लक्ष्मी माता..
  • तुम पाताल निवासनी, तुम ही शुभ दाता ||
    मैया तुम ही शुभ दाता ||
    कर्म प्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता !!
    ॐ जय लक्ष्मी माता..
  • जिस घर में तुम रहती, सब सदगुण आता ||
    मैया सब सदगुण आता ||
    सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता !!
    ॐ जय लक्ष्मी माता..
  • तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता ||
    मैया वस्त्र न हो पाता ||
    खान पान का वैभव, सब तुमसे आता !!
    ॐ जय लक्ष्मी माता..
  • शुभ गुण मंदिर सुन्दर , क्षीरोदधि जाता ||
    मैया क्षीरोदधि जाता ||
    रत्ना चतुर्दशा तुम बिन, कोई नहीं पाता !!
    ॐ जय लक्ष्मी माता..
  • महा लक्ष्मी जी की आरती, जो कोई जन गाता ||
    मैया जो कोई जन गाता ||
    उर आनंद समाता, पाप उतर जाता !!
    ॐ जय लक्ष्मी माता..

लक्ष्मी जी Devi Laxmi:– हिन्दू मान्यतानुसार लक्ष्मी जी को धन और वैभव की देवी माना जाता है। पुराणों के अनुसार यह भगवान विष्णु की पत्नी हैं। दीपावली के शुभ अवसर पर इनकी विशेष पूजा की जाती है। माना जाता है कि स्वभाव से चंचल मानी जाने वाली लक्ष्मी जी की आराधना से मनुष्य के जीवन में धन और वैभव की कभी कमी नहीं रहती।

लक्ष्मी जी की जन्म कथा Birth Story of Laxmi Ji

लक्ष्मी जी की जन्म कथा:- मान्यता है कि लक्ष्मी जी का जन्म समुद्र मंथन के द्वारा हुआ था। एक कथा के अनुसार देवताओं की शक्ति क्षीण होने के बाद उसे वापस प्राप्त करने के लिए देवताओं और राक्षसों ने भगवान विष्णु के कहने पर समुद्र मंथन किया। समुद्र मंथन के दौरान देवताओं को 14 रत्नों की प्राप्ति हुई जिसमें से एक लक्ष्मी जी थीलक्ष्मी जी के एक हाथ में धन से भरा कलश और दूसरा हाथ अभय मुद्रा में था। लक्ष्मी जी ने समुद्र से निकलते ही भगवान विष्णु को अपने पति के रूप में स्वीकार किया था।

दिवाली पर लक्ष्मी जी के मंत्र Laxmi Ji ke Mantra

दिवाली पर लक्ष्मी जी के मंत्र:-लक्ष्मी जी का सर्वाधिक प्रचलित मंत्र है: “ऊं महालक्ष्म्यै नम:”। इसके अलावा कई ज्योतिषी घर में सुख- शांति, धन- धान्य और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए लक्ष्मी जी के इस मंत्र को भी लाभदायक मानते हैं |

लक्ष्मी जी के मंत्र Laxmi Mata Mantra in Hindi

रक्तचन्दनसम्मिश्रं पारिजातसमुद्भवम् |
मया दत्तं महालक्ष्मि चन्दनं प्रतिगृह्यताम् ||
ॐ महालक्ष्म्यै नमः रक्तचन्दनं समर्पयामि |

Maa Lakshmi ki pooja ke dauran is mantra ke dwara unhe raktchandan samarpan karna chahiye-

Raktchandanasammishram Paarijaatasamudbhavam |
Mayaa Dattam Mahalakshmi Chandanam Pratigrihyataam ||
Om Mahalakshmyai Namah Raktchandanam Samarpayaami |

दीपावली पूजन पर मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान इस मंत्र के द्वारा उन्हें दुर्वा समर्पण करना चाहिए-

क्षीरसागरसम्भते दूर्वां स्वीकुरू सर्वदा ||
ॐ महालक्ष्म्यै नमः दूर्वां समर्पयामि |

Maa Lakshmi ki pooja ke dauran is mantra ke dwara unhe durva samarpan karna chahiye

Vishnvaadisarvadevaanaam Priyaam Sarvsushobhanaam |
Ksheersaagarasambhate Doorvaam Sveekuroo Sarvadaa ||
Om Mahalakshmyai Namah Doorvaam Samarpayaami |

इस मंत्र के द्वारा दिवाली पर मां लक्ष्मी को अक्षत समर्पण करना चाहिए

अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकुमाक्ताः सुशोभिताः |
मया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरि ||
ॐ महलक्ष्म्यै नमः | अक्षतान समर्पयामि ||

Is mantra ke dwara Maa Lakshmi ko akshat samarpan karna chahiye

Akshataashch Surshreshth Kunkumaaktaah Sushobhitaah |
Mayaa Niveditaa Bhaktyaa Grihaan Parmeshvari ||
Om Mahalakshmyai Namah | Akshtaan Samarpayaami ||

इस मंत्र के द्वारा दीपावली पर मां लक्ष्मी को पुष्प माला समर्पण करना चाहिए

माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो |
ॐ मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि |
ॐ महालक्ष्म्यै नमः | पुष्पमालां समर्पयामि ||

Is mantra ke dwara Maa Lakshmi ko pushp mala samarpan karna chahiye

Maalyaadeeni Sugandheeni Maalatyaadeeni Vai Prabho |
Om Manasah Kaamamaakootim Vaachah Satyamasheemahi |
Pashoonaam Roopmannasya Mayi Shrih Shrayataam Yashah ||
Om Mahalakshmyai Namah | Pushpmalaam Samarpayaami |

इस मंत्र के द्वारा दीपावली के पूजन पर मां लक्ष्मी को आभूषण समर्पण करना चाहिए

रत्नकंकणवैदूर्यमुक्ताहाअरादिकानि च |
सुप्रसन्नेन मनसा दत्तानि स्वीकुरूष्व भोः || ॐ
क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् |
अभूतिमसमृद्धि च सर्वां न

Is mantra ke dwara Maa Lakshmi ko aabhushan samarpan karna chahiye

Ratnkankanavaidooryamuktaahaaaraadikani Ch |
Suprasannen Manasaa Dattani Sveekurooshva Bhoh ||
Om Kshutpipaasaamalaam Jyeshthaamalakshmeem Naashayaamyaham |
Abhootimasamriddhi Ch Sarvaam Nirgud Me Grihaat ||
Om Mahalakshmyai Namah | Aabhushan Samarpayaami |

इस मंत्र के द्वारा दिवाली पर माता लक्ष्मी को वस्त्र समर्पण करना चाहिए

दिव्याम्बरं नूतनं हि क्षौमं त्वतिमनोहरम् | दीयमानं मया देवि गृहाण जगदम्बिके ||
ॐ उपैतु मां देवसुखः कीर्तिश्च मणिना सह | प्रादुर्भूतोस्मि राष्ट्रेस्मिन कीर्तिमृद्धि ददातु मे ||

Is mantra ke dwara Mata Lakshmi ko vastra samarpan karna chahiye

Divyaambaram Nootanam Hi Kshaumam Tvatimanoharam |
Deeyamaanam Mayaa Devi Grihaan Jagadambike ||
Om Upaitu Maa Devsukhah Keertishcha Maninaa Sah |
Praadurbhootosmi Raashtresmin Keertimriddhi Dadaatu Me ||
Om Mahalakshmyai Namah Vastram Samarpayaami |

इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को स्नान हेतु घी अर्पित करना चाहिए

ॐ घृतं घृतपावानः पिबत वसां वसापावानः पिबतान्तरिक्षस्य हविरसि स्वाहा |
दिशः प्रदिश आदिशो विदिश उद्धिशो दिग्भ्यः स्वाहा || ॐ महालक्ष्म्यै नमः घृतस्नानं समर्पयामि |

Is mantra ke dwara Maa Lakshmi ko snaan hetu ghee arpit karna chahiye

Om Ghritam Ghritapaavaanah Pibat Vasaam Vasaapaavaanah Pibataantarikshasya Havirasi Svaahaa |
Dishah Pradish Aadisho Vidish Uddhisho Digbhyah Svaahaa ||
Om Mahalakshmyai Namah Ghritsnaanam Samarpayaami |

मां लक्ष्मी की पूजा में इस मंत्र के द्वारा उन्हें जल समर्पण करना चाहिए

मन्दाकिन्याः समानीतैर्हेमाम्भोरूहवासितैः | स्नानं कुरूष्व देवेशि सलिलैश्च सुगन्धिभिः ||
ॐ महालक्ष्म्यै नमः स्नानं समर्पयामि |

Maa Lakshmi ki pooja me is mantra ke dwara unhen jal samarpan karna chahiye

Mandaakinyaah Samaaneetairhemaambhoruhavaasitaih |
Snaanam Kurushva Deveshi Salilaishcha Sugandhibhih ||
Om Mahalakshmyai Namah Snaanam Samarpayaami |

इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को आसन समर्पण करना चाहिए

तप्तकाश्चनवर्णाभं मुक्तामणिविराजितम् | अमलं कमलं दिव्यमासनं प्रतिगृह्यताम् ||
ॐ अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रमोदिनीम् | श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवी जुषताम् ||

Is mantra ke dwara Maa Lakshmi ko aasan samarpan karna chahiye

Taptkaashchanavanaarbham Muktaamaniviraajitam |
Amalam Kamalam Divyamaasanam Pratigrihyataam ||
Om Ashvapurvaam Rathmadhyaam Hastinaadapramodineem |
Shriyam Deveemupahvaye Shrirmaa Devee Jushataam ||
Om Mahalakshmyai Namah | Aasanam Samarpayaami |

इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी का आवाहन करना चाहिए

सर्वलोकस्य जननीं सर्वसौख्यप्रदायिनीम |
सर्वदेवमयीमीशां देवीमावाहयाम्यहम् ||
ॐ तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् | यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम् ||

Is mantra ke dwara Maa Lakshmi ka aavahan karna chahiye

Sarvlokasya Jananeem Sarvsaukhyapradaayineem |
Sarvdevmayeemeeshaam Deveemaavaahayaamyaham ||
Om Taam Ma Aavah Jaatavedo Lakshmeemanapagaamineem |
Yasyaam Hiranyam Vindeyam Gaamashvam Purushaanaham ||
Om Mahalakshmyai Namah | Mahalaksheemaavaahayaami, Aavahanaarthe Pushpaani Samarpayaami |

Laxmi Mata Mantra in Hindi

ॐ तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् |
यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम् ||

लक्ष्मी जी का स्वरूप Incarnation of Laxmi Ji

लक्ष्मी जी का स्वरूप:- पुराणों के अनुसार लक्ष्मी जी बेहद चंचल स्वभाव की हैं और एक ही स्थान पर अधिक समय तक नहीं रहती। यही वजह है कि अगर मनुष्य धन का आदर ना करें तो उसे निर्धन होते देरे नहीं लगती।

माता लक्ष्मी जी के चार हाथ हैं, जिनमें से दो हाथों में वे कमल का फूल धारण किए रहती हैं तथा दो अन्य हाथों में से एक हाथ में कलश तथा एक हाथ से धन वर्षा करती रहती हैं। इनकी सवारी उल्लू है तथा यह कमल पर विराजमान रहती हैं।

दीवाली पर होती है देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा Worship of Goddess Laxmi At Diwali

दीपावली पर लक्ष्मी जी:- दीवाली के पावन पर्व पर देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन देवी लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है। माना जाता है कि दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजा करने से घर में धन- संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती है।

लक्ष्मी जी से जुड़ी महत्त्वपूर्ण बातें Facts of Laxmi ji

  1. लक्ष्मी जी को कमल का फूल अतिप्रिय है।
  2. लक्ष्मी जी भगवान विष्णु के साथ क्षीरसागर में विराजमान रहती है।
  3. लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू और हाथी हैं।
  4. लक्ष्मी जी की एक बहन है जिसका नाम दरिद्रा है।
  5. लक्ष्मी जी कभी एक स्थान पर अधिक समय तक नहीं रहती।

लक्ष्मी जी के नाम Name of Laxmi Ji

  • विकृति
  • विद्या
  • सर्वभूतहितप्रदा
  • विभूति
  • सुरभि
  • परमात्मिका
  • वाचि
  • पद्मलया
  • पद्मा
  • शुचि

लक्ष्मी जी के प्रसिद्ध मंदिर Famous Temples of Laxmi Ji

  • लक्ष्मी नरसिम्हा मंदिर
  • लक्ष्मी नारायण मन्दिर, भोपाल
  • लक्ष्मी नारायण मंदिर, दिल्ली
  • लक्ष्मी मंदिर, खजुराहो

श्री लक्ष्मी चालीसा Laxmi Chalisa in Hindi

लक्ष्मी चालीसा को डाउनलोड करे Download Laxmi Chalisa in PDF,आप इस चालीसा को पीडीएफ में डाउनलोड , जेपीजी रूप में या प्रिंट भी कर सकते हैं। इस चालीसा को सेव करने के लिए ऊपर दिए गए बटन पर क्लिक करें। आइए पढ़े माता लक्ष्मी जी की चालीसा

लक्ष्मी जी का  दोहा

मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास।
मनोकामना सिद्घ करि, परुवहु मेरी आस॥

लक्ष्मी जी का सोरठा

यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं।
सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका॥

माँ लक्ष्मी की चौपाई

  • सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही।
    ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही ॥
  • तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥
    जय जय जगत जननि जगदम्बा। सबकी तुम ही हो अवलम्बा॥1॥
  • तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥
    जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥2॥
  • विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥
    केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी॥3॥
  • कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी। जगजननी विनती सुन मोरी॥
    ज्ञान बुद्घि जय सुख की दाता। संकट हरो हमारी माता॥4॥
  • क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो। चौदह रत्न सिन्धु में पायो॥
    चौदह रत्न में तुम सुखरासी। सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥5॥
  • जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा। रुप बदल तहं सेवा कीन्हा॥
    स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा। लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥6॥
  • तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं। सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥
    अपनाया तोहि अन्तर्यामी। विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥7॥
  • तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी। कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥
    मन क्रम वचन करै सेवकाई। मन इच्छित वांछित फल पाई॥8॥
  • तजि छल कपट और चतुराई। पूजहिं विविध भांति मनलाई॥
    और हाल मैं कहौं बुझाई। जो यह पाठ करै मन लाई॥9॥
  • ताको कोई कष्ट नोई। मन इच्छित पावै फल सोई॥
    त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि। त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी॥10॥
  • जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै। ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥
    ताकौ कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥11॥
  • पुत्रहीन अरु संपति हीना। अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥
    विप्र बोलाय कै पाठ करावै। शंका दिल में कभी न लावै॥12॥
  • पाठ करावै दिन चालीसा। ता पर कृपा करैं गौरीसा॥
    सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै। कमी नहीं काहू की आवै॥13॥
  • बारह मास करै जो पूजा। तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥
    प्रतिदिन पाठ करै मन माही। उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥14॥
  • बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई। लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥
    करि विश्वास करै व्रत नेमा। होय सिद्घ उपजै उर प्रेमा॥15॥
  • जय जय जय लक्ष्मी भवानी। सब में व्यापित हो गुण खानी॥
    तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं। तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥16॥
  • मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै। संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥
    भूल चूक करि क्षमा हमारी। दर्शन दजै दशा निहारी॥17॥
  • बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी। तुमहि अछत दुःख सहते भारी॥
    नहिं मोहिं ज्ञान बुद्घि है तन में। सब जानत हो अपने मन में॥18॥
  • रुप चतुर्भुज करके धारण। कष्ट मोर अब करहु निवारण॥
    केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई। ज्ञान बुद्घि मोहि नहिं अधिकाई॥19॥

लक्ष्मी जी का दोहा

त्राहि त्राहि दुख हारिणी, हरो वेगि सब त्रास।
जयति जयति जय लक्ष्मी, करो शत्रु को नाश॥
रामदास धरि ध्यान नित, विनय करत कर जोर।
मातु लक्ष्मी दास पर, करहु दया की कोर॥

देवी लक्ष्मी जी के 108 नाम 108 names of Goddess Laxmi in Hindi

लक्ष्मी जी को कई नामों से जाना जाता है जिनमें विष्णुप्रिया, पद्मप्रिया आदि मुख्य हैं। माता लक्ष्मी को कई अन्य नामों से भी संबोधित किया जाता है। लक्ष्मी जी के कुछ नाम निम्न हैं |

देवी माता लक्ष्मी जी के 108 नाम

  1.  प्रकृती
  2. विकृती
  3. विद्या
  4. सर्वभूतहितप्रदा
  5. श्रद्धा
  6. विभूति
  7. सुरभि
  8. परमात्मिका
  9. वाचि
  10. पद्मलया
  11. पद्मा
  12.  शुचि
  13. स्वाहा
  14. स्वधा
  15. सुधा
  16.  धन्या
  17. हिरण्मयी
  18. लक्ष्मी
  19. नित्यपुष्टा
  20.  विभा
  21. आदित्य
  22. दित्य
  23. दीपायै
  24. वसुधा
  25.  वसुधारिणी
  26. कमलसम्भवा
  27.  कान्ता
  28.  कामाक्षी
  29. क्ष्रीरोधसंभवा, क्रोधसंभवा
  30. अनुग्रहप्रदा
  31. बुध्दि
  32. अनघा
  33. हरिवल्लभि
  34. अशोका
  35.  अमृता
  36. दीप्ता
  37. लोकशोकविनाशि
  38. धर्मनिलया
  39.  करुणा
  40. लोकमात्रि
  41.  पद्मप्रिया
  42.  पद्महस्ता
  43. पद्माक्ष्या
  44.  पद्मसुन्दरी
  45.  पद्मोद्भवा
  46. पद्ममुखी
  47. पद्मनाभाप्रिया
  48.  रमा
  49.  पद्ममालाधरा
  50. देवी
  51.  पद्मिनी
  52.  पद्मगन्धिनी
  53.  पुण्यगन्धा
  54. सुप्रसन्ना
  55.  प्रसादाभिमुखी
  56.  प्रभा
  57. चन्द्रवदना
  58.  चन्द्रा
  59. चन्द्रसहोदरी
  60.  चतुर्भुजा
  61.  चन्द्ररूपा
  62.  इन्दिरा
  63. इन्दुशीतला
  64. आह्लादजननी
  65.  पुष्टि
  66.  शिवा
  67. शिवकरी
  68.  सत्या
  69. विमला
  70.  विश्वजननी
  71.  तुष्टि
  72.  दारिद्र्यनाशिनी
  73.  प्रीतिपुष्करिणी
  74.  शान्ता
  75.  शुक्लमाल्यांबरा
  76.  श्री
  77. भस्करि
  78. बिल्वनिलया
  79.  वरारोहा
  80.  यशस्विनी
  81.  वसुन्धरा
  82. उदारांगा
  83. हरिणी
  84. हेममालिनी
  85.  धनधान्यकी
  86.  सिध्दि
  87. स्त्रैणसौम्या
  88.  शुभप्रदा
  89.  नृपवेश्मगतानन्दा
  90.  वरलक्ष्मी
  91.  वसुप्रदा
  92.  शुभा
  93. हिरण्यप्राकारा
  94.  समुद्रतनया
  95. जया
  96.  मंगला देवी
  97. विष्णुवक्षस्स्थलस्थिता
  98.  विष्णुपत्नी
  99.  प्रसन्नाक्षी
  100.  नारायणसमाश्रिता
  101. दारिद्र्यध्वंसिनी
  102.  देवी
  103.  सर्वोपद्रव वारिणी
  104.  नवदुर्गा
  105.  महाकाली
  106. ब्रह्माविष्णुशिवात्मिका
  107. त्रिकालज्ञानसम्पन्ना
  108.  भुवनेश्वरी

Viewing all articles
Browse latest Browse all 1715

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>