रंगोली बनाने की विधि – रंगोली के डिजाइन और कलाकृतियां
रंगोली भारत की प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा और लोक-कला है। अलग अलग प्रदेशों में रंगोली के नाम और उसकी शैली में भिन्नता हो सकती है लेकिन इसके पीछे निहित भावना और संस्कृति में पर्याप्त समानता है। इसकी यही विशेषता इसे विविधता देती है और इसके विभिन्न आयामों को भी प्रदर्शित करती है। इसे सामान्यतः त्योहार, व्रत, पूजा, उत्सव विवाह आदि शुभ अवसरों पर सूखे और प्राकृतिक रंगों से बनाया जाता है। इसमें साधारण ज्यामितिक आकार हो सकते हैं या फिर देवी देवताओं की आकृतियाँ। इनका प्रयोजन सजावट और सुमंगल है। इन्हें प्रायः घर की महिलाएँ बनाती हैं। विभिन्न अवसरों पर बनाई जाने वाली इन पारंपरिक कलाकृतियों के विषय अवसर के अनुकूल अलग-अलग होते हैं
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रंगोली बनाने का साधारण और सरल तरीका / simple rangoli designs
रंगोली दो प्रकार से बनाई जाती है। सूखी और गीली। दोनों में एक मुक्तहस्त से और दूसरी बिंदुओं को जोड़कर बनाई जाती है। बिंदुओं को जोड़कर बनाई जाने वाली रंगोली के लिए पहले सफेद रंग से जमीन पर किसी विशेष आकार में निश्चित बिंदु बनाए जाते हैं फिर उन बिंदुओं को मिलाते हुए एक सुंदर आकृति आकार ले लेती है। आकृति बनाने के बाद उसमें मनचाहे रंग भरे जाते हैं। मुक्तहस्त रंगोली में सीधे जमीन पर ही आकृति बनाई जाती है। पारंपरिक मांडना बनाने में गेरू और सफ़ेद खड़ी का प्रयोग किया जाता है। बाज़ार में मिलने वाले रंगोली के रंगों से रंगोली को रंग बिरंगा बनाया जा सकता है। रंगोली बनाने के झंझट से मुक्ति चाहने वालों के लिए अपनी घर की देहरी को सजाने के लिए ‘रेडिमेड रंगोली’ स्टिकर भी बाज़ार में मिलते हैं, जिन्हें मनचाहे स्थान पर चिपकाकर रंगोली के नमूने बनाए जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त बाजार में प्लास्टिक पर बिंदुओं के रूप में उभरी हुई आकृतियाँ भी मिलती हैं, जिसे जमीन पर रखकर उसके ऊपर रंग डालने से जमीन पर सुंदर आकृति उभरकर सामने आती है। अगर रंगोली बनाने का अभ्यास नहीं है तो इन वस्तुओं का प्रयोग किया जा सकता है। कुछ साँचे ऐसे भी मिलते हैं जिनमें आटा या रंग का पाउडर भरा जा सकता है। इसमें नमूने के अनुसार छोटे छेद होते हैं। इन्हें ज़मीन से हल्का सा टकराते ही निश्चित स्थानों पर रंग झरता है और सुंदर नमूना प्रकट हो जाता है। रंगोली बनाने के लिए प्लास्टिक के स्टेंसिल्स का प्रयोग भी किया जाता है। गीली रंगोली चावल को पीसकर उसमें पानी मिलाकर तैयार की जाती है। इस घोल को ऐपण, ऐपन या पिठार कहा जाता है। इसे रंगीन बनाने के लिए हल्दी का प्रयोग भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त रंगीन रंगोली बाज़ार में मिलने वाले पोस्टर, क्रेयॉन, फ़ेब्रिक और एक्रिलिक रंगों से भी बनाई जाती हैं।
- दीवाली पर अनोखी रंगोली डिजाइन / Diwali Rangoli Designs :
रंगोली बनाने के लिए बाजार में ना केवल रंग उपलब्ध है बल्कि डिजाइन की बहुत सारी किताबे भी उपलब्ध हैं, जिसकी मदद से चंद मिनटों में लुभावनी रंगोली बनाई जा सकती है।
१. फूल और दीपक वाली रंगोली
यह रंगोली बहुत ही सरल है। इस रंगोली में सफेद और लाल रंग का प्रयोग किया गया है। आप चाहें तो फूलों की पंखुडियों का प्रयोग कर सकती हैं।
२. चटक रंगोली
इस रंगोली को बनाने के लिये चटक रंगो का प्रयोग किया गया है। साथ ही किनारे दिये भी रखे गए हैं।
३. चॉक रंगोली
इस रंगोली में चॉक से डिजाइन बनाई गई है और रंग-बिरंगी किरकिरी का उपयोग भी किया है। खूब सारे दिये रख कर इसे दीवाली रंगोली का रूप दिया गया है।
४. गोल और छोटी रंगोली
आप इस रंगोली को किसी भी कोने में बना सकती हैं। इसमें आप आटे और रंगोली रंग का प्रयोग कर सकती हैं।
५. गुलाबी रंगोली
इस रंगोली में केवल चॉक और गुलाब का यूज़ हुआ है। इसमें पीला, नीला और मजेंटा रंग विशेष खूबसूरत लग रहा है।
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रंगोली बनाने की विधि / rangoli designs mathed :
कैसे बनाएँ रंगोली – “रंगोली” बालू से बनी कलाकृति है, जो केवल भारत में ओणम, दिवाली इत्यादि, जैसे शुभ त्योहारों के मौके पर, घर के सामने ज़मीन पर बनाई जाती है। रंगोली बनाने में अनेक प्रकार की सामग्रियों का प्रयोग किया जा सकता है, और विभिन्न आकारों की रंगोली बनाई जाती है। एक तरफ रंगोली को अनुभवी कलाकार विकसित कला योजना की दृष्टिकोण से देखते हैं, और दूसरी तरफ, इसके बिल्कुल विपरीत, बच्चों के लिए मनोरंजक गतिविधि मानी जाती है।
1. रंगोली बनाने के स्थान का चयन करें :
आप, कागज या कोई ऐसी परंपरागत जगह, जैसे पूजे का कमरा या मुख्य द्वार के सामने ज़मीन का चयन कर सकते हैं। यदि, ज़मीन पर रंगोली बनाने जा रहे हैं, तो लोगों के आने जाने का रास्ता छोड़कर, रंगोली बनाएं।
2. रंगोली की रूप किस तरह की हो, इसका निर्णय करें:
ज्यादातर चित्र, जानवरों और पेड़ों पर आधारित, सम्मित पैटर्न (symmetrical patterns) के होते हैं। इनमें फूल अत्यधिक लोकप्रिय हैं। आप इंटरनेट पर कुछ रंगोली के चित्र देख सकते हैं, और जो ज़्यादा सरल लगे, उसे चुन लें।
3. पेंसिल या चॉक से, हल्के हाथों से, चित्र की रूप रेखा खीचें : अगर रंगोली ज़मीन पर बना रहे हैं, तो केवल चॉक का प्रयोग करें।
4. जब आप रंगोली के चित्र की रूप रेखा से संतुष्ट हो जाएँ, तो उसकी बाहरी रेखा को, गाढ़ा कर, पूर्ण करें: इस प्रक्रिया से चित्र बिल्कुल साफ दिखने लगता है, विशेषत : जब रंगोली ज़मीन पर बनाई गई हो। अभ्यासी के लिए तो यह अति आवश्यक और महत्वपूर्ण है।
5. चित्र के बाह्य किनारे को गाढ़ा करें :
अखबार को मोड़ कर कुप्पी की तरह बना लें, और संकरे भाग में, एक छेद करें। इसमे सूजी या बालू भरें। अपनी उँगलियों के प्रयोग से बालू के प्रवाह को नियंत्रित करें, और इसकी मदद से रंगोली को गाढ़ा करें।
6. चित्र में रंग भरें :
यह सबसे बढ़िया और मनोरंजक प्रक्रिया है। रंगोली को पूरा करने के लिए आप विभिन्न प्रकार की सामग्रियों का प्रयोग कर सकते हैं। रंगोली के रंग, बालू या सूजी के साथ पेंट का पाउडर का मिश्रण।
पेंट – रंगीन बालू/लकड़ी का बुरादा