दोस्तों हमारे समाज में सच में महिला सशक्तिकरण को Women empowerment लाने के लिये महिलाओं के खिलाफ बुरी प्रथाओं के मुख्य कारणों को समझना और उन्हें हटाना होगा इस के लिए हमे जो कि समाज की पुरुष प्रभाव युक्त व्यवस्था है. हमे जरुरत है कि हम महिलाओं के खिलाफ पुरानी सोच को बदले और संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों में भी बदलाव लाये. इसके साथ ही हमें महिलाओ के प्रति हमारी सोच को भी विकसित करना होगा.इसी के साथ साथ में हमे हमारे देश हिंदुस्थान में महिला को एक विश्व की एजुकेशन में एक अलग ही पहचान बनाने में अपना पूरा सहयोग करे
Women empowerment
हमारे भारतीय समाज में महिला को परम्परिक रुप से पुरुषो से अधिक अधिकार देते है लेकिन महिला भी एक पुरुष के समान कार्य कर सकती है मेने कई एसी महिलाओ के बारे में सुना है जो पुरुषो से भी महान काम किया है जो आज हमारे देश उन महिलाओ पर गर्व करते है तो दोस्तों में ये ही कहना चाहता हु की महिला को भी पूरा अधिकार देना चाहिये और महिला का समान करे एक महिला दिवस पर स्लोगन देना ना भूले और आप अपने हिसाब से महिला का समान करे
Top 20 Slogans on women empowerment
- चलो पढाये कुछ कर दिखाये. शिक्षित माता सही विधाता.
- हम युवकोका नारा है, निरक्षरोको साक्षर बनाना है.
- नारी हो या नर, सब बने साक्षर.
- फले फुले यह देश निरंतर.
- ज्योत से ज्योत जगाते चलो, ज्ञान की गंगा बहाते चलो.
- अक्षर आये, संकट गये.
- जब हैं नारी में शक्ति सारी, तो फिर क्यों नारी को कहे बेचारी.
- महिलाओं को दे शिक्षा का उजियारा, पढ़-लिख कर करें रोशन जग सारा.
- सशक्त नारी से ही बनेगा सशक्त समाज.
- नारी का करो सन्मान तभी बनेगा देश महान.
- भेदभाव जुल्म मिटायेंगे, दुनिया नई बसायेंगे, नई है डगर, नई हैं सफ़र,
- अब हम नारी आगे ही बढ़ाते जायेंगे.
- बराबरी का साथ निभाएं, महिलएं अब आगे आएं.
- जीवन की कला को अपने हाथो से साकार कर, नारी ने संस्कृति का रूप निखारा हैं,
- नारी का अस्तित्व ही सुन्दर जीवन का आधार हैं.
- हर ज्ञानी से बतियाना है सो पढ़ना है, मीरा का गाना गाना है सो पढ़ना है,
- मुझे अपना राग बनाना है सो पढ़ना है, अनपढ़ का नहीं ज़माना है सो पढ़ना है,
- क्योकि मैं नारी हूं मुझे पढ़ना है.
- मैं भी छू सकती हूं आकाश, मौके की है मुझे तलाश.
- अबला नहीं है बिलकुल नारी, संघर्ष रहेगें हमारा जरी.
Essay in hindi on women’s education
महिला शिक्षा पर भारत में कहा जाता है कि जंहा स्त्रियों की पूजा होती है वंहा देवता निवास करते हैं । प्राचीन काल से ही नारी को ‘गृह देवी’ या ‘घर की लक्ष्मी’ कहा गया है ।
हमारे देश में प्राचीन समय से ही नारी शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया था । परन्तु मध्यकाल में स्त्रियों की स्थिति खराब हो गयी थी । उसका जीवन घर की चारदीवारी में घर का काम काज करने में ही सिमित हो गया । नारी को परदे में रहने के लिए विवश किया गया । स्त्री-पुरुष जीवन-रूपी रथ के दो पहिये हैं, इसलिए पुरुष के साथ साथ स्त्री का भी शिक्षित होना जरुरी है ।