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बालदिवस पर महत्वपूर्ण निबन्ध 14 नवम्बर 2017

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हेलो दोस्तों हमारे देस में हर महीने में 1 या 2 दिवस आते ही रहते है जिसमे कभी हिंदी दिवस गाँधी दिवस ,शिक्षक दिवस,वायु सेना दिवस,राष्ट्रीय विज्ञान दिवस आदि इसी प्रकार से भारत में एक 14 नवम्बर को बाल दिवस मनाया जाता है इस दिवस को भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में अलग अलग तारीखों पर मनाया जाता है भारत में यह दिन स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन के मौके पर मनाया जाता है. कहा जाता है कि पंडित नेहरू जी बच्चों से बेहद प्यार करते थे इसलिए बाल दिवस मनाने के लिए उनका जन्मदिन चुना गया असल में बाल दिवस की सुरुआत व नींव 1925 में रखी गई थी जब बच्चों के कल्याण पर विश्व कांफ्रेंस में बाल दिवस मनाने की घोषणा हुई थी 1954 में दुनिया भर में इसे मान्यता मिली संयुक्त राष्ट्र ने यह दिन 20 नवंबर के लिए तय किया लेकिन अलग अलग देशों में यह अलग दिन मनाया जाता है कुछ देश 20 नवंबर को भी बाल दिवस मनाते हैं इसीप्रकार से 1950 से बाल संरक्षण दिवस यानि 1 जून भी कई देशों में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है

बाल दिवस पर निबन्ध –

बालदिवस पर निबन्ध

पंडित जवाहर लाल नेहरु का जन्म 14 नवम्बर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरु वो एक धनी बैरिस्टर जो कश्मीरी पण्डित समुदाय से थे |उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है जो स्वतंत्रता सग्राम के दोरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष चुने गए। उनकी माता स्वरूपरानी थुस्सू जो लाहौर में बसे एक सुपरिचित कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से थी मोतीलाल की दूसरी पत्नी थी व पहली पत्नी की प्रसव के दौरान मृत्यु हो गई थी। जवाहरलाल तीन बच्चों में से सबसे बड़े थे, जिनमें बाकी दो लड़कियाँ थी बड़ी बहन, विजया लक्ष्मी जो संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी छोटी बहन, कृष्णा हठीसिंग, एक उल्लेखनीय लेखिका बनि व जवारलाल नेहरु अपनी शिक्षा दुनिया के बेहतरीन स्कूलों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की थी अपनी स्कूली शिक्षा हैरो से और कॉलेज की शिक्षा ट्रिनिटी कॉलेज, लंदन से पूरी की थी व अपनी लॉ की डिग्री कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी की और 1912 में भारत लौटे और वकालत शुरू की जिसके बाद 1916 में उनकी शादी कमला नेहरु हे हुई और 27 मई 1964 को जवाहरलाल नेहरू को दिल का दौरा पड़ा जिसमें उनकी मृत्यु हो गई जिसकी बाद पण्डित जवारलाल नेहरु के जन्म दिन से बाल दिवस सुरु किया गया बालदिवस भारत मेंही नही बल्कि पुरे विशव में मनाया जाता है बल्कि अलग -अलग दिनों में मनाया जाता है

नेहरू जी का बच्चों से बड़ा स्नेह था और वे बच्चों को देश का भावी निर्माता मानते थे। बच्चों के प्रति उनके इस स्नेह भाव के कारण बच्चे भी उनसे बेहद लगाव और प्रेम रखते थे और उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। यही कारण है कि नेहरू जी के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे नेहरू जयंती कहें या फिर बाल दिवस, यह दिन पूर्णत: बच्चों के लिए समर्पित है। इस दिन विशेष रूप से बच्चों के लिए कार्यक्रम एवं खेल-कूद से जूड़े आयोजन होते हैं। बच्चे देश का भविष्य हैं, वे ऐसे बीज के समान हैं जिन्हें दिया गया पोषण उनके विकास और गुणवत्ता निर्धारित करेगा। यही कारण है कि इस दिन बच्चों से जुड़े विभिन्न मुद्दों जैसे शिक्षा, संस्कार, उनकी सेहत, मानसिक और शारीरिक विकास हेतु जरूरी विषयों पर विचार विमर्श किया जाता है।

कई स्कूलों व संस्थानों में बाल मेला एवं प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं, ताकि बच्चों की क्षमता और प्रतिभा को और बढ़ावा मिले। इस दिन विशेष रूप से गरीब बच्चों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने एवं बाल श्रृम एवं बाल शोषण जैसे गंभीर मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया जाता है। बच्चे नाजुक मन के होते हैं और हर छोटी चीज या बात उनके दिमाग पर असर डालती है। उनका आज, देश के आने वाले कल के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए उनके क्रियाकलापों, उन्हें दिए जाने वाले ज्ञान और संस्कारों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों की मानसिक और शारीरिक सेहत का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है। बच्चों को सही शिक्षा, पोषण, संस्कार मिले य‍ह देशहित के लिए बेहद अहम है, क्योंकि आज के बच्चे ही कल का भविष्य है।


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